(ग) जंगम और स्थावर संपत्ति के अर्जन और स्वामित्व का, और
2.
इतना ही नहीं अनुच्छेद २ ६ के तहत धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता के अधीन चल एवं अचल (जंगल और स्थावर) सम्पति के अर्जन और स्वामित्व का अधिकार तथा ऐसी सम्पति का विधि के अनुसार प्रशासन करने का अधिकार से वंचित किय जा रहे हैं।
3.
(क) धार्मिक और पूर्त प्रयोजनों के लिए संस्थाओं की स्थापना और पोषण का, (ख) अपने धर्म विषयक कार्यों का प्रबन्ध करने का, (ग) जंगम और स्थावर सम्पत्ति के अर्जन और स्वामित्व का, और (घ) ऐसी सम्पत्ति का विधि के अनुसार प्रशासन करने का, अधिकार होगा।
4.
26. धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता-लोक व्यवस्था, सदाचार और स्वास्नय के अधीन रहते हुए, प्रत्येक धार्मिक संप्रदाय या उसके किसी अनुभाग को-(क) धार्मिक और पूर्त प्रयोजनों के लिए संस्थाओं की स्थापना और पोषण का, (ख) अपने धर्म विषयक कार्यों का प्रबंध करने का, (ग) जंगम और स्थावर संपत्ति के अर्जन और स्वामित्व का, और (घ) ऐसी संपत्ति का विधि के अनुसार प्रशासन करने का, अधिकार होगा।